Wednesday, April 11, 2007

ऐसा क्यो होता है?

आज फिर से साल का वो दिन आ गया जब पूरे दिन आप ही आप होते हैं। बात इलेक्ट्रोनिक मेल की हो या फ़ोन की। जब और सब दिन आप लड़ते है फ़ोन उठाने के लिए की मेरा फ़ोन होगा आज के दिन आप को पूरी छूट होती है आराम से चल के जाये और फ़ोन उठाये। और पहले से तयारी कर ले की कैसे धन्यवाद् करना है। कुछ अगर अलग दिखना है तो बोलना शुरू करो "क्या यार हैप्पी रहूंगा बुड्ढा हो रहा हुँ। अब ये सब बच्चो को शोभा देता है। लेकिन अब तुमने फ़ोन किया तो धन्यवाद् रहेगा"। या फिर आप बोल सकते हैं " आज क्या खास है में जन्मदिन मनाने में बिश्वाश नही रखता"। तरह तरह के लोग़ और तरह तरह के जवाब। लेकिन कुछ भी हो लोग़ याद रखते है या मेरी तरह वाले जो याद रखने की कोशिश करते हैं।

ईस साल भी मेरा जन्मदिन आया और हर साल की तरह फ़ोन आया और मेल आया। केक आया और साथ में चाक़ू आया। सभी ने ताली मारा और केक पर टूट पडे। लेकिन मेरे दिमाग में कुछ और ही चल रहा था। और ये हर साल जन्मदिन को मेरे जहेन में एक बार जरूर आता है। कौन सा जन्मदिन मुझे हमेशा याद रहेगा। वो वाला जब मैंने पहली बार bumps के बारे में सुना और खाया। या वो जब मैंने पहली बार स्कूल में चोकलेट बाटें। या वो जब मैं पहली बार अपनी संगिनी के साथ भोजन पर गया। (संगिनी से मेरा मतलब मेरे जीवन साथी से है। बाद में कोई तकलीफ ना हो जाये।) नही इनमे से कोई भी नही है. इंन सभी के बीच में जो एक जनमदिन सबसे अलग मेरे मस्तिष्क में चित्रीत है वो मेरे इंजीनियरिंग के प्रथम वर्ष का है। कुछ खास नही था उसमे। कुछ दोस्त। एक केक। एक प्यारा सा उपहार। सब कुछ एक आम जनमदिन की तरह।

बहुत बार सोचा ये ही क्यो? माँ बाप के साथ बिताया हुआ समय क्यो नही? शादी के बाद का जनमदिन क्यो नही ? कही मुझे माँ बाप से ज़ायादा दोस्तो का लगाव तो नही ? नही ऐसा नही है। कभी कभी आत्मग्लानि होती थी। बहूत सोचा। लोगो से भी पूछा लेकिन कभी कोई जवाब नही मिला। फिर मैं पंहुचा गूगल देवता के पास। पूरे ३ घंटे लगाया जानने मैं की लोगो को कौन सा जनम्दीन याद रहता है। और ये अवधारणा निकाला की लोगो को वही जनम्दीन सबसे ज़यादा याद रहता है जिसमें अधिकतम लोग उपस्थित होते है। अब ये अवधारणा सही है या गलत एक विवाद और वींवेचना का विषय है। आप लोग जो लोग भी एस चिटठा (ब्लोग) को पढे, दो मिनट का समय लें, सौचे अपने सबसे यादगार जनम्दीन के बारे मैं और टिपण्णी के ज़रिये मुझे बताये। शायद आपका दो मिनट मेरे आत्मग्लानि और दुविधा को खत्म करने मैं मदद करे।

2 comments:

Anonymous said...
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Praveen said...

hmmm please let me know any software which can convert the hindi writing into english...As i can not read Hindi :(